गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

पढ़िए, दैनिक भास्कर न्यू ईयर स्पेशल की चुनिंदा स्टोरीज सिर्फ एक क्लिक पर https://ift.tt/2X6I6zr

1. नए साल के साथ ही आज हम नए दशक की दहलीज पर पहला कदम रख रहे हैं। बीता साल हमारे लिए कई दर्दनाक और परेशान करने वाली यादें देकर गया है। 2020 के अनुभव से हम क्या सीख सकते हैं, पढ़िए भास्कर थीम उम्मीदें 2021 में...

भास्कर की थीम -उम्मीदें 2021 / साल बदला है, अब वक्त हमें बदलना है; अनुभव संजोकर रखिए...चुनौतियां अवसर बनेंगी

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

2. साल 2021 कोरोना से लड़ाई का महत्वपूर्ण पड़ाव है। अनुमान है कि 30 करोड़ भारतीयों को जून तक वैक्सीन लग जाएगा। 160 करोड़ डोज बुक किए जा चुके हैं। पढ़िए, इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य...

कोरोना पर जीत की तैयारी / विश्वभर में 1200 करोड़ डोज बुक, भारत में जनवरी से वैक्सीनेशन संभव है

3. 2021 से देश को क्या-क्या उम्मीदें रहेंगी। आम आदमी के अधिकारों से लेकर अंतरिक्ष में हमारे परचम फहराने तक, देश नए साल में किन मील के पत्थरों को पार कर सकेगा? पढ़िए, इस रिपोर्ट में...

2021 में देश / अधिकार से अंतरिक्ष तक की उम्मीद, राजनीति के थिएटर में बंगाल चुनाव, परदे पर 21 बड़ी फिल्में

4. 2021 में दुनिया में क्या-क्या होगा। अमेरिका से हांगकांग तक कई बदलावों से दुनिया गुजरेगी। कई बड़े इवेंट्स होंगे। दुनिया के लिए क्या नया लेकर आ रहा है 2021 पढ़िए इस लेख में...

2021 में विदेश / खेलों का महाकुंभ और दुबई एक्सपो भी, अमेरिका में नई सरकार, हांगकांग में चुनाव से चीन की सत्ता को चुनौती



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Read, select stories of Dainik Bhaskar New Year Special with just one click


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3rEP4tT

नए हेल्थ कार्ड और आर्टिफिशयल किडनी से जिंदगी आसान होगी, 5जी नेटवर्क और फास्टैग हमारी रफ्तार बढ़ाएंगे https://ift.tt/3huwHDa

एक अप्रैल से वेतन के नए नियम, इन-हैंड सैलरी कम, पर बचत बढ़ेगी
एक अप्रैल से नए वेजेज रूल लागू होंगे। नियोक्ता कर्मचारी के कुल वेतन में भत्ते का हिस्सा 50% से ज्यादा नहीं कर पाएंगे। यानी कुल वेतन में बेसिक पे और एचआरए का हिस्सा 50% होगा। इस परिवर्तन से जहां कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा रकम जाएगी, वहीं यह कटौती बढ़ने से मासिक इन-हैंड सैलरी कम हो जाएगी।

परीक्षा में मार्किंग पैटर्न चेंज होगा, 4 बार होगी जेईई मेन
CBSE में 10वीं और 12वीं में अब 10% अंक केस स्टडीज से जुड़े होंगे। मार्किंग पैटर्न बदलेगा। प्रश्नों की संख्या भी कम होगी। साल में 4 बार जेईई मेन होगी। 2019 तक स्कूल और क्लासरूम पारंपरिक थे। 2020 में बच्चे ऑनलाइन लर्निंग से रू-ब-रू हुए। 2021 में दुनिया इन दोनों माध्यमों का मिला हुआ रूप यानी ब्लेंडेड लर्निंग देखेगी।

सबका डिजिटल हेल्थ कार्ड, मौसम विभाग देगा मलेरिया का पूर्वानुमान
हेल्थ कार्ड 2021 से पूरे देश में लागू किया जाएगा। यह कार्ड सभी अस्पताल और क्लीनिक से मिलेंगे। इस कार्ड में सभी रोगियों का डाटा सुरक्षित रहेगा। एक क्लिक पर इस रिपोर्ट को कभी भी और कहीं भी देखा जा सकेगा। इधर, मौसम विभाग मलेरिया, डेंगू जैसी वेक्टरबोर्न बीमारियों का पूर्वानुमान करेगा। इससे रोकथाम में आसानी होगी।​​​​​​​

कृत्रिम किडनी आएगी, स्मार्टफोन कनेक्टेड पेस मेकर की भी तैयारी
अमेरिकी वैज्ञानिक आर्टिफिशियल (कृत्रिम) किडनी बनाने में सफलता हासिल कर चुके हैं। इसे किडनी के नीचे के हिस्से में लगाया जाएगा। एक सिरे में लगे पाइप को खून की धमनियों और दूसरे छोर को मूत्राशय से जोड़ा जाएगा। साल 2021 में स्मार्ट फोन कनेक्टेड पेसमेकर लाने की तैयारी है। इसमें मोबाइल फोन से पेसमेकर की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।​​​​​​​

हैपेटाइटिस-सी के नए इलाज को मंजूरी, एआर-वीआर से इलाज होगा
अमेरिका ने यूनिवर्सल हेपेटाइटिस सी के नए इलाज को मंजूदी दे दी है। नया इलाज पहले से चल रहे इलाज से 90% ज्यादा असरकारक है। साथ ही, घर बैठे इलाज के लिए वर्चुअल रियलिटी जैसे टूल्स 2021 में आ जाएंगे। जैसे आंखों के डॉक्टर वीआर के जरिए एचडी कैमरे से मरीज की आंख की स्पष्ट तस्वीर देख सकेंगे।​​​​​​​

आ सकता है 5-G, लैंडलाइन से मोबाइल मिलाने पर 0 जरूरी

लैंडलाइन से किसी भी मोबाइल पर फोन लगाते हैं तो उसके लिए आपको नंबर से पहले 0 का इस्तेमाल करना होगा। 2021 में भारत में 5-G नेटवर्क की शुरुआत भी संभव है। वहीं, एंड्रॅाइड 4.0.3 ऑपरेटिंग सिस्टम से पुराने वर्जन पर वॉटस्ऐप नहीं चलेगा। यूपीआई से पेमेंट महंगा हो जाएगा। एनपीसीआई थर्ड पार्टी एप्स पर एक्सट्रा चार्ज लगाएगा।​​​​​​​

चौपहिया पर फास्टैग अनिवार्य, चिप वाले पासपोर्ट भी जारी होंगे
सभी 4 पहिया वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य होगा। बिना फास्टैग के टोल पर दोगुना चार्ज देना होगा। इलेक्ट्रॉनिक चिप वाले पासपोर्ट जारी होंगे। इसमें स्कैन करने से पासपोर्ट धारक की पूरी जानकारी स्क्रीन पर होगी। धोखाधड़ी रुकने के साथ ही चेक-इन में समय बचेगा। ई-पासपोर्ट की यह सुविधा अभी प्रायोगिक स्तर पर कुछ सेक्टर्स में दी गई है।​​​​​​​

चेक पेमेंट पर पॉजिटिव पे लागू, कॉन्टैक्टलेस पेमेंट लिमिट बढ़ेगी
​​​​​​​
पॉजिटिव पे सिस्टम शुरू 2021 में शुरू होगा। 50 हजार से ज्यादा के चेक जारी करने पर बैंक को एसएमएस के जरिए सूचना देनी होगी। आरबीआई ने 1 जनवरी से कॉन्टैक्टलेस कार्ड पेमेंट्स की लिमिट्स 2,000 से बढ़ाकर ​​5,000 रुपए कर दी है। म्यूचल फंड कंपनियां रिस्कोमीटर जारी करेंगी। मल्टीकैप फंड में 75% राशि इक्विटी में लगेगी।​​​​​​​​​​​​​​



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
New health card and artificial kidney will make life easier, 5G network and fastag will increase our speed


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3n6c5Ca

यह सपना 15 साल के बच्चे का है, बच्चों सा अटूट भरोसा रखिए, सपना सच होगा https://ift.tt/3rGidVo

दैनिक भास्कर ग्रुप द्वारा ‘अपनी उम्मीदों का भारत’ थीम पर आयोजित अनूठी पेंटिंग प्रतियोगिता में देशभर से 7316 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। विजेता को दैनिक भास्कर के नव वर्ष के विशेष अंक के कवर पेज का हिस्सा बनने का मौका मिला है। 51 हजार रु. का पहला पुरस्कार जेनिल प्रकाशभाई डांगोदरा (सूरत)(पेंटिग, कवर इमेज में) , 31 हजार का दूसरा पुरस्कार स्नेहा साहनी (गोरखपुर) और 11 हजार का तृतीय पुरस्कार अद्रिजा सरकार (रांची) को मिला। ज्यूरी मेंबर्स के मुताबिक पेंटिग्स इतनी शानदार थीं कि विजेताओं का चुनाव करना मुश्किल था। ज्यूरी ने सांत्वना पुरस्कार में तय 10 प्रविष्टियों की बजाय 19 को चुना। सभी 19 को पुरस्कृत किया गया।

19 सांत्वना पुरस्कार, 1,000 रुपए सभी को दिए गए
आरती प्रविणगर गुसाई, कच्छ, गुजरात। अभिषेक शर्मा, भरतपुर, राजस्थान। आस्था सिंह, सतना, मप्र। डिम्पल राजपूत, इंदौर, मप्र। निष्ठा श्रीवास्तव, जबलपुर, मप्र। रोहन ठाकर, बांतवा, जूनागढ़, गुजरात। पूर्वा रात्रे, कोटा, छत्तीसगढ़। सुमित प्रजापत, मसूरिया, राजस्थान। सुप्रिया सरयाम, छिंदवाड़ा, मप्र। तन्मय सोनी, जोधपुर, राजस्थान। तन्वी पटेल, जबलपुर, मप्र। तान्या तिवारी, गाडरवारा, मप्र। विवेक चिराग शाह, अहमदाबाद, गुजरात। ममता के. राठोड, शदेलवाडा, गुजरात। श्रेयांक दुबे, सतना, मप्र। यक्षकुमार पंकजभाई चौहाण, भुज,गुजरात। नंदिनी कैलास वंजारी, जलगांव, महाराष्ट्र। श्रुति पियूषभाई भडियाद्रा, भावनगर, गुजरात। पार्थ किरनसिंह चौहान, सूरत, गुजरात।

द्वितीय पुरस्कार विजेता - स्नेहा साहनी की पेंटिंग
तृतीय पुरस्कार विजेता - अद्रिजा सरकार की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - पार्थ किरणसिंह चौहान की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - श्रुति पियुशभाई भदियाद्र की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - नंदीनी कैलाश वंजरी की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - यश पंकजभाई चौहान की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - श्रेयक दुबे की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - ममता किशोरभाई राठौर की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - विवेक चिराग शाह की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - तान्या तिवारी की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - तन्वी पटेल की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - तन्मय सोनी की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - सुप्रिया सरयाम की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - सुमित प्रजापत की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - रोहनन ठाकुर की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - पूर्वा रात्रे की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - निष्ठा श्रीवास्तव की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - डिम्पल राजपूत की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - आस्था सिंह की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - अभिषेक शर्मा की पेंटिंग
सांत्वना पुरस्कार विजेता - आरती गुसाई की पेंटिंग


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
This dream is of a 15-year-old child; Have unwavering faith in children, the dream will come true


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hvEjp3

नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख केस कम मिले, 5 हजार मौतें भी कम हुईं; रिकवरी रेट अब 96.1% https://ift.tt/2KSkSur

देश में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नवंबर के मुकाबले दिसंबर में करीब 4 लाख नए मामले कम सामने आए और मौतों में भी 5 हजार की गिरावट रिकॉर्ड की गई। नवंबर में देश में कुल 12.33 लाख मरीज मिले थे। 13.45 मरीज इससे पूरी तरह ठीक हो गए थे और करीब 15 हजार लोगों की जानें गईं थीं। इस दौरान 1.27 लाख एक्टिव केस (जिनका इलाज चल रहा) कम हुए।

वहीं, दिसंबर में संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का आंकड़ा 7.85 लाख रहा। इस दौरान 9.48 लाख लोग रिकवर हुए और करीब 10.8 हजार लोगों की जानें गईं। एक्टिव केस में 1.74 लाख की कमी दर्ज की गई।

ओवरऑल रिकवरी रेट की बात करें, तो इसमें भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 99 लाख के करीब पहुंच गया है। इस तरह देश का रिकवरी रेट अब 96.1% हो गया है।

कोलकाता के एक पार्क के बाहर लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए कोरोना का मॉडल लगाया गया है। न्यू इयर सेलिब्रेशन को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने लोगों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है।

देश में अब तक 1.02 करोड़ मामले
पिछले 24 घंटे में देश में 19 हजार 45 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 22 हजार 23 लोग ठीक हो गए और 244 की मौत हो गई। ये आंकड़े covid19india.org से लिए गए हैं। देश में अब तक 1.02 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2.52 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 98.81 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1.49 लाख हो गई है।

कोरोना अपडेट्स

  • केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में कोरोना के वैक्सीनेशन का ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। 2 जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में 3 पॉइंट तय किए जाएंगे।
  • राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं, जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है। बीते 28 और 29 दिसंबर को पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में वैक्सीनेशन के लिए मशीनरी की तैयारी को परखा गया था।
  • इस बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने संकेत दिए कि अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध होगी। उन्होंने एक वेबिनार में कहा कि वैक्सीन कैंडिडेट को फंड मिल रहे हैं और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट भी प्रयास कर रहा है। संभवत: नया साल काफी हैप्पी होगा, क्योंकि हमारे पास कुछ होगा। अभी मैं यही इशारा कर सकता हूं।
  • राजधानी दिल्ली में तेजी से घट रहे कोरोना मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राजधानी में कोविड-19 मरीजों के लिए 7 सरकारी और 108 प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित की गई बेड की संख्या को कम कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में अब 4696 बेड की बजाय 2140 कोविड-19 डेडिकेटेड बेड होंगे।
  • देश में कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 25 पहुंच गया है। सभी ब्रिटेन से लौटे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सभी को आइसोलेशन में रखा गया है।

5 राज्यों का हाल
1. दिल्ली

यहां गुरुवार को 574 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 888 लोग रिकवर हुए और 13 की मौत हो गई। अब तक 6 लाख 25 हजार 369 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 6 लाख 9 हजार 322 लोग ठीक हो चुके हैं। 10 हजार 536 मरीजों की मौत हो चुकी है। 5 हजार 511 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

2. मध्यप्रदेश
यहां पिछले 24 घंटे में 844 नए संक्रमितों की पहचान हुई। 866 मरीज ठीक हुए और 11 की मौत हो गई। यहां अब तक कोरोना संक्रमण के 2.41 लाख केस आ चुके हैं। इनमें से 2.28 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं और 3606 की मौत हो चुकी है। अब 9354 संक्रमितों का इलाज चल रहा है।

3. गुजरात
यहां गुरुवार को 780 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 916 लोग रिकवर हुए और 4 की मौत हो गई। अब तक 2 लाख 45 हजार 38 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 30 हजार 993 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4306 मरीजों की मौत हो चुकी है। 9739 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

4. राजस्थान
यहां पिछले 24 घंटे में 698 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 957 लोग ठीक हुए और 7 की मौत हो गई। अब तक 3 लाख 8 हजार 243 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 95 हजार 987 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2696 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी 9560 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

5. महाराष्ट्र
यहां गुरुवार को 3509 नए केस मिले। 3612 लोग ठीक हुए और 58 की मौत हो गई। अब तक 19 लाख 32 हजार 112 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 18 लाख 28 हजार 546 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 49 हजार 521 मरीजों की मौत हो चुकी है। 52 हजार 902 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Outbreak India Cases LIVE Updates; Maharashtra Pune Madhya Pradesh Indore Rajasthan Uttar Pradesh Haryana Punjab Bihar Novel Corona (COVID 19) Death Toll India Today Mumbai Delhi Coronavirus News


from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-cases-live-news-and-updates-01-january-2021-128075191.html

अल्सर से सिर की त्वचा और हड्डी सड़ने लगी थी, ऑपरेशन कर निकाला और नई त्वचा भी बनाई https://ift.tt/2X00Twp

गुजरात के डॉक्टरों ने 79 वर्षीय मरीज के सिर (स्कल) का दुर्लभ ऑपरेशन किया है। मरीज नवीनचंद्र के सिर में अल्सर था। इस कारण त्वचा और हड्डी सड़ने लगी थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसे निकाला और प्लास्टिक सर्जरी कर नई त्वचा लगाई। ताकि मस्तिष्क का जो हिस्सा खुल गया है, उसे आवरण दिया जा सके। दरअसल, नवीनचंद्र पिछले 6 महीने से लगातार सिर दर्द से परेशान थे।

मेडिकल जांच में पता चला कि उन्हें ‘बेसल सेल कार्सिनोमा’ है। जब उन्हें इस बीमारी का पता चला, तब इस अल्सर का आकार अंगुली के अग्रभाग जितना यानी करीब दो सेमी था। यह 6 महीने में बढ़कर सिर के हड्‌डी तक पहुंच गया। संक्रमण फैलने के कारण मस्तिष्क के अंदर का भाग भी खुलने लगा था। तब अहमदाबाद के जीसीएस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डॉ. कुशल शाह और प्लास्टिक-कॉस्मेटिक रिकंसट्रक्टिव सर्जन डॉ. प्रमोद मेनन ने उनके उपचार की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली।

उन्होंने बताया कि सिर की संक्रमित, खराब हुई चमड़ी को गांठ सहित निकालने के बाद मस्तिष्क को आवरण देने वाले ‘ड्यूरल कवरिंग’ की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए संक्रमित हड्डी को बाहर निकाला गया। बाद में प्लास्टिक सर्जरी कर नई त्वचा बनाकर लगाई। ऑपरेशन के तीन महीने बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
नवीनचंद्र पिछले 6 महीने से लगातार सिर दर्द से परेशान थे।


from Dainik Bhaskar /national/news/the-skin-and-bone-of-the-head-had-started-to-rot-from-the-ulcer-it-was-operated-upon-and-made-a-new-skin-128075111.html

आंदोलनकारी किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर खुला किसान मॉल, यहां सारा सामान मुफ्त https://ift.tt/3pRldg7

किसान आंदोलन में शामिल लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसान मॉल खोले गए हैं। अंतरराष्ट्रीय एनजीओ खालसा एड इन मॉल को ऑपरेट कर रहा है। यहां से किसानों को मुफ्त में टूथ ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, कंघी, चप्पल, तेल, शैंपू, अंडर गारमेंट्स, हीटिंग पैड, गारबेज बॉक्स जैसे सामान मिल रहे हैं। बड़े जत्थों के लिए गीजर और वॉशिंग मशीन जैसे सामान भी मुफ्त में उपलब्ध हैं। खालसा एड के लोग बताते हैं कि इस मॉल के संचालन के लिए उन्हें पूरे देश से आर्थिक मदद मिल रही है।

मॉल में सामान लेने के लिए लोगों की भीड़ न लग जाए इसलिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है। मॉल संचालकों की ओर से धरनास्थल पर घूम-घूम कर किसानों को टोकन दे दिए जाते हैं। वे इस टोकन को मॉल में लाकर मुफ्त में सामान हासिल कर सकते हैं। वॉलेंटियर कुलवीर सिंह ने कहा, ‘टिकरी बॉर्डर पर जब मॉल शुरू हुआ तो काफी अफरातफरी मच गई थी। लोगों की लंबी कतार लग गई। इसलिए हमने यहां टोकन सिस्टम चालू किया है।

आमतौर पर हर रात 600 से 700 टोकन बांटे जाते हैं। अगले दिन किसान को मॉल के एंट्री प्वाइंट पर टोकन दिखाना होता है। इसके बाद उन्हें एक स्लिप मिलती है। इसमें वे अपना नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर दर्ज कराते हैं और फिर सामानों पर टिक लगाते हैं जिनकी उन्हें जरूरत है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर उन्हें प्रवेश मिलता है।’

तंबू में रहने वाले किसानों को मॉल के सामान के लिए मिलते हैं टोकन

इस मॉल से सामान पाने वाले किसान बताते हैं कि उन्हें लाइन में खड़े होने में भी कोई दिक्कत नहीं है। यह आखिरकार किसानों की भलाई और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए खोला गया है। हालांकि, कुछ किसान यह भी बताते हैं कि उन्हें टोकन नहीं मिल रहे। उनका कहना है कि जो किसान धरना स्थल पर पीछे की ओर मौजूद हैं, उन तक अभी टोकन नहीं पहुंच रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
मॉल में सामान लेने के लिए लोगों की भीड़ न लग जाए इसलिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है।


from Dainik Bhaskar /local/punjab/news/to-meet-the-needs-of-agitating-farmers-kisan-mall-opens-on-singhu-border-all-goods-free-here-128075106.html

https://ift.tt/2LeNduL role diluted? In major rejig, BJP 'scraps' joint general secretary posts



from India News | Latest News Headlines & Live Updates from India - Times of India https://ift.tt/2MomrAV

कल देश में वैक्सीन का ड्राई रन, CBSE एग्जाम के लिए कसें कमर और JIO का हैप्पी न्यू इयर https://ift.tt/38O8aoF

नमस्कार!
राजस्थान में शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसानों के सब्र का बांध टूटा। सरकार ने फोर व्हीलर्स के लिए फास्टैग की डेडलाइन बढ़ाई। कोरोना में साइबर क्राइम 350% बढ़े। बहरहाल शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

सबसे पहले देखते हैं बाजार क्या कह रहा है-

  • BSE का मार्केट कैप 188.03 लाख करोड़ रुपए रहा। 55% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
  • 3,170 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। 1,766 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,244 के शेयर गिरे।

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

  • PM नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और आशा इंडिया पुरस्कार कार्यक्रम में शामिल होंगे। मोदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
  • नई दिल्ली-कटरा के बीच कोरोना के चलते बंद हुई वंदे भारत एक्सप्रेस फिर शुरू होगी। इससे वैष्णोदेवी जाने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी।
  • अमेजन-पे, गूगल पे और फोन-पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स से UPI ट्रांजेक्शन महंगा हो सकता है। इन ऐप्स की UPI सर्विस पर 30% कैप लगेगा।

देश-विदेश
आ गई परीक्षा की घड़ी

CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं की तारीखें आ गई हैं। ये 4 मई से शुरू होंगी। 10 जून तक खत्म हो जाएंगी। रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा। इन परीक्षाओं में 30 लाख स्टूडेंट्स शामिल हो सकते हैं। इस बार ये बोर्ड एग्जाम्स करीब ढाई महीने की देरी से होंगे। पिछले साल ये 15 फरवरी से शुरू हो गए थे। शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को इन तारीखों का ऐलान किया।

किसानों के सब्र का बैरियर टूटा
राजस्थान में अलवर के शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर गुरुवार दोपहर ट्रैक्टरों पर सवार कुछ किसान पुलिस बैरियर तोड़कर हरियाणा में घुस गए। हरियाणा पुलिस जब तक किसानों को रोक पाती, तब तक 10 से 15 ट्रैक्टर बॉर्डर से आगे निकल गए। इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी। इसमें कई किसान घायल हो गए। किसान यहां 12 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं।

जोधपुर-झालावाड़ में बर्ड फ्लू
राजस्थान में जोधपुर के बाद झालावाड़ में बड़ी संख्या में कौओं की मौत का मामला सामने आया है। झालावाड़ में एवियन इन्फ्लूएंजा (एक तरह का बर्ड फ्लू) से कौओं की मौत की पुष्टि के बाद राज्य में पोल्ट्री का बिजनेस करने वालों में हड़कंप मचा है। प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में बुधवार देर रात एक किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। यहां 25 दिसंबर से अब तक 100 से ज्यादा कौओं की मौत हो चुकी है।

Jio का हैप्पी न्यू इयर
जियो यूजर्स के लिए नया साल राहत के साथ शुरू हो रहा है। 1 जनवरी से जियो से जियो के अलावा अन्य नेटवर्क पर और ऑफ-नेट फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग कर पाएंगे। पहले कंपनी दूसरे नेटवर्क्स के लिए लिमिटेड फेयर यूसेज पॉलिसी (FUP) मिनट देती थी। अब इंटरकनेक्ट यूजेस चार्जेस (ICU) नहीं देने होंगे। जियो के जिन यूजर्स के मौजूदा प्लान की वैलिडिटी अभी बाकी है वे भी 1 जनवरी से सभी नेटवर्क पर फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग कर पाएंगे।

फास्टैग की डेडलाइन बढ़ी
अगर आपने अभी तक अपने चार पहिया वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया, थो चिंता की कोई बात नहीं। सरकार ने फास्टैग की डेडलाइन डेढ़ महीने बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी है। पहले एक जनवरी 2021 डेडलाइन थी। फास्टैग को 1 दिसंबर 2017 के बाद से नए चार पहिया वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन के समय ही अनिवार्य कर दिया गया था। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन भी किया था।

2 जनवरी को देश में ड्राई रन
चार राज्यों में कोरोना के वैक्सीनेशन की तैयारियों का कामयाब ट्रायल कराने के बाद केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। दो जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में तीन पॉइंट तय किए जाएंगे। राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है।

एक्सप्लेनर
एक VIP की सुरक्षा में 3 पुलिसवाले

हमारे देश में कई बार VIP कल्चर खत्म होने की बातें होती हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है। गृह मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी BPRD का डेटा बताता है कि देश में 19 हजार 467 VIP हैं, जिनकी सुरक्षा में 66 हजार 43 पुलिसवाले तैनात हैं। यानी एक VIP की सुरक्षा पर तीन से ज्यादा पुलिसवाले। जबकि, 135 करोड़ आबादी वाले देश में कुल 20.91 लाख पुलिसवाले हैं। यानी 642 लोगों पर एक जवान।
पढ़ें पूरी खबर...

पॉजिटिव खबर
10 हजार बच्चों की नानी

आज हम आपको 10 हजार बच्चों की नानी 65 साल की सरला मिन्नी से मिलवाने जा रहे हैं। चौंकिए मत... दरअसल, उन्होंने इतने सारे बच्चों से अपना यह रिश्ता कहानियां सुनाकर कायम किया है। उनके कहने का मतलब है कि उनकी कहानियां बहुत से बच्चे सुना करते हैं और वे उन्हें अपनी ‘नानी’ मानते हैं। वे 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर को कहानियों की 8 से 10 मिनट की क्लिप भेजती हैं। वे मजेदार लहजे में हिंदी और अंग्रेजी में कहानियां सुनाती हैं।
पढ़ें पूरी खबर...

साइबर क्राइम 350% बढ़ा
साल 2020 कोविड-19 महामारी के नाम तो रहा ही, इसके नाम का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम भी खूब बढ़ा। इसमें सामान की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी से लेकर सोशल मीडिया पर किसी के नाम की फेक प्रोफाइल क्रिएट करके उसके दोस्तों से पैसे मांगना तक शामिल हैं। यूएन के मुताबिक, कोविड के दौरान साइबर क्राइम 350% बढ़ा है। कई देश दूसरे देशों में वायरस और वैक्सीन बनाने का डेटा हैक करवा रहे हैं।

बिलेनियर्स इंडेक्स में टॉप पर चीन
चीन में बोतलबंद पानी का कारोबार करने वाले झोंग शानशान एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उनकी नेटवर्थ इस साल 70.9 बिलियन डॉलर बढ़कर 77.8 बिलियन डॉलर हो गई है। एशिया में सबसे ज्यादा नेटवर्थ के मामले में झोंग शानशान ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पछाड़ दिया है। RIL के शेयरों में गिरावट के कारण मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ अब 76.9 बिलियन डॉलर रह गई है।

सुर्खियों में और क्या है

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए साल में हम दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
  • अमेरिका के वायरल डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथोनी फौसी ने कहा है कि वैक्सीनेशन ठीक से हुआ, तो अगले साल के आखिर में हालात नॉर्मल हो सकते हैं।
  • कोरोना से हर दिन होने वाली मौतों के मामले में गिरावट दर्ज की गई है। भारत अब इस मामले में 12वें नंबर पर पहुंच गया है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Dry run of vaccine in the country on January 2, tight waist for CBSE exam and JIO's Happy New Year


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2X2opsB

कोरोना वैक्सीन बनाने वाले साइंटिस्ट्स ने पहली बार बयां की अपनी कहानी, बताया लैब में कैसे करते हैं काम https://ift.tt/3rGJ83j

पूरे देश को जिस कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है, आज उसे बनाने वालों की कहानी। उन साइंटिस्ट की कहानी, जिनका पूरा लॉकडाउन लैब में रिसर्च करते हुए बीता। उन साइंटिस्ट की कहानी, जिन्हें हमारी तरह ही पिछले साल जनवरी में ये पता चला था कि कोरोना महामारी दुनिया में फैल रही है और इसकी कोई वैक्सीन नहीं है। इन कोरोना वॉरियर्स ने पहली बार भास्कर के साथ अपना अब तक का अनुभव साझा किया। पढ़िए हैदराबाद स्थित दो कंपनियों 'भारत बायोटेक' और 'बायोलॉजिकल ई' के एक-एक साइंटिस्ट की कहानी, उन्हीं की जुबानी।

एमडी ने पूछा था, रिस्क कितना है जानते हो? इस पर विजय ने कहा था- रिस्क है क्या सर

यह बात अप्रैल की है, जब भारत बायोटेक में कोरोना वैक्सीन के लिए टीम मेम्बर्स को चुना जा रहा था। जिस टीम को वैक्सीन के काम में जुटना था, उन्हें बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) लैब में काम करना था। कई महीनों तक घर छोड़कर फैक्ट्री के गेस्ट हाउस में ही रहना था।

कंपनी के एमडी डॉ. कृष्णा ऐल्ला ने जब साथियों से पूछा कि कौन-कौन वैक्सीन डेवलपमेंट के काम में जुटना चाहता है तो सभी ने हाथ उठा दिए। इन्हीं में से एक थे विजय कुमार दरम। विजय सबसे पहले लैब में जाने को तैयार हुए। डॉ. ऐल्ला ने उनसे पूछा कि तुम्हें मालूम है रिस्क कितना हो सकता है' तो विजय ने कहा, 'रिस्क है क्या सर। मैं वैक्सीन डेवलपमेंट करना चाहता हूं।' 28 नवंबर को जब पीएम भारत बायोटेक पहुंचे थे, तब उन्हें भी डॉ. कृष्णा ने विजय से मिलवाया था।

भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को डेवलप करने में 200 लोगों की टीम लगी हुई है। इसमें 50 लोग ऐसे हैं, जो लैब के अंदर काम करते हैं। इनमें से 20 साइंटिस्ट हैं। साइंटिस्ट की टीम जुलाई से लेकर नवंबर तक यानी पांच महीने अपने घर नहीं गई। ये लोग कंपनी के गेस्ट हाउस में ही रह रहे थे और यहीं दिन-रात वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट में लगे थे। दिसंबर से इन लोगों ने घर जाना शुरू किया।

यह फोटो भारत बायोटेक की लैब का है। यहां के वैज्ञानिक वैक्सीन डेवलपमेंट के दौरान पांच महीने तक घर नहीं गए।

हमें लैब में लाइव वायरस के बीच काम करना होता है, पत्नी ने सपोर्ट किया इसलिए पूरा टाइम लैब में दे पाया

विजय कहते हैं, 'जब मुझे और मेरे साथियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया, तब हमें बहुत खुशी और गर्व महसूस हुआ कि हम उस वैक्सीन को डेवलप करने वाले प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जिससे लाखों लोगों की जिंदगियां बचने वाली हैं। लेकिन, इसके साथ ही इस वैक्सीन को जल्द से जल्द डेवलप करने की चुनौती भी थी।'

'अप्रैल से हमने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। हम लोग पांच महीने तक घर नहीं गए। तब अधिकतर समय लैब में ही बीता। लॉकडाउन चल रहा था, तब रॉ मटेरियल जुटाना भी एक चैलेंज था। हमारे पास बायो सेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) फैसिलिटी की लैब है, जो काफी सुरक्षित मानी जाती है और भारत में यह लैब सिर्फ हमारे पास ही है।'

उन्होंने कहा, 'यहां हमें लाइव वायरस को हैंडल करना होता है, क्योंकि हम जिस टाइप की कोरोना वैक्सीन बना रहे हैं, उसे वायरस के जरिए ही तैयार किया जाता है। ऐसे में यह काम बहुत ज्यादा सावधानी से करना होता है, क्योंकि एक भी लीकेज होने पर इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।'

हमने विजय से पूछा कि आप लोगों ने इंफेक्शन से बचने के लिए क्या किया? इसके जवाब में वो बोले, 'पीपीई के अलावा प्राइमरी गाउन, सेकंडरी गाउन, डबल ग्लव्स पहनते हैं।' इस सवाल पर कि जब आप रिसर्च में जुटे रहे और घर नहीं जा पाए तो घर में आपकी जिम्मेदारियां किसने संभाली? उन्होंने कहा कि मेरी पूरी जिम्मेदारियां पत्नी ने संभाली। उन्होंने घर के साथ ही बाहर के भी सब कामकाज देखे। इसी के चलते हम लैब में इतना टाइम दे पाए।' हालांकि, दिसंबर के पहले हफ्ते से साइंटिस्ट घर जाना शुरू कर चुके हैं।

(2021 इस सदी के लिए उम्मीदों का सबसे बड़ा साल है। वजह- जिस कोरोना ने देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया, उसी से बचाने वाली वैक्सीन से नए साल की शुरुआत होगी। इसलिए 2021 के माथे पर यह उम्मीदों का टीका है।)

दूसरी कहानी डॉ. विक्रम पराड़कर की
डॉ. पराड़कर, साइंटिस्ट हैं और बायोलॉजिकल ई कंपनी में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट हैं। वो और उनकी टीम पिछले करीब 9 महीने से कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट में लगी है। आगे की कहानी, डॉ. पराड़कर की ही जुबानी...

40 साइंटिस्ट की टीम, लिटरेचर पढ़ते हैं, दिमाग सोचना बंद नहीं करता...
डॉ. पराड़कर कहते हैं, 'हमारी कंपनी में दो हजार इम्प्लॉई हैं। कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट में 40 साइंटिस्ट की टीम लगी है। इनकी उम्र 25 से 55 साल के बीच है। लॉकडाउन में जब सबकुछ बंद हो गया था, तब हम लोग वैक्सीन डेवलपमेंट में लगे हुए थे। जरूरी सेवाओं के चलते हमें आने-जाने की छूट थी।'

'कंपनी की बस से आना-जाना करते थे। आमतौर पर हफ्ते में 40 से 45 घंटे की वर्किंग होती है, लेकिन अब कई दफा 60 से 65 घंटे की भी हो रही है। कई बार दो शिफ्ट एक साथ पूरी कर रहे हैं, क्योंकि जो प्रॉसेस चल रही होती है, उसे हमें कंटीन्यू मॉनिटर करना होता है। लिटरेचर सर्च करना पड़ता है। इसके साथ में दिमाग में थिंकिंग तो चलते ही रहती है। हमारी पूरी टीम अनुभवी है। हम कई वैक्सीन डेवलप कर चुके हैं, इसलिए सबको पता है कि उन्हें उनका काम कैसे करना है।'

डॉ. पराड़कर साइंटिस्ट हैं और बायोलॉजिकल ई कंपनी में उनकी टीम 9 महीने से वैक्सीन डेवलपमेंट में लगी है।

सिचुएशन के हिसाब से बदल जाती है किट, प्रोटीन बना रहे थे इसलिए इंफेक्शन का खतरा नहीं था

डॉ. पराड़कर ने बताया कि वैक्सीन में 6 टाइप की कैटेगरी होती हैं। हम प्रोटीन सब-यूनिट कैटेगरी वाली वैक्सीन बना रहे हैं। इस कैटेगरी में वैक्सीन बनाने पर वायरस की जरूरत नहीं पड़ती। प्रोटीन लैब में विकसित किया जाता है। यह सबसे सुरक्षित होता है, क्योंकि इसमें कोई वायरस होता ही नहीं। इसलिए हम लैब में पूरी तरह से सेफ होते हैं। फिर भी सभी लोग घर से फैक्ट्री आते हैं। मार्केट जाते हैं, इसलिए प्रोटेक्शन जरूरी है। जहां जरूरी होता है, वहां प्रोटेक्शन के लिए पूरी किट पहनते हैं। लैब में ग्लव्स, मास्क और फेस शील्ड पहनते हैं। मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में जाते हैं तो पूरी बॉडी कवर होती है।

वो बताते हैं कि हर एक सिचुएशन के हिसाब से हमारी किट अलग होती है। हमारे घरवालों को ये पता होता है कि हम कैसे काम करते हैं, क्योंकि हम सालों से यही काम कर रहे हैं। कोरोना में भी उन्हें पता था कि हम प्रोटीन बना रहे हैं इसलिए वे टेंशन में नहीं थे।

कुछ साइंटिस्ट कोरोना का शिकार हुए, कुछ को बदलने पड़े अपने घर
उन्होंने कहा, 'हमारे सामने सबसे बड़ा चैलेंज इफेक्टिव और पूरी तरह से सेफ वैक्सीन डेवलप करने का ही है। कुछ दूसरे चैलेंज भी आए, जैसे कुछ साथी ऐसे हैं, जो शेयरिंग में रह रहे थे। लॉकडाउन में मकान मालिक ने उन्हें बाहर निकलने से मना कर दिया तो वो लोग कंपनी के गेस्ट हाउस में ही रुके। कुछ साथी ऐसे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के वक्त घर कंपनी के पास में ही ले लिया, ताकि आने-जाने में कोई दिक्कत न आए। कुछ साइंटिस्ट कोरोनावायरस का शिकार भी हो गए। उन्हें कंपनी ने तुंरत क्वारैंटाइन किया और उनका ट्रीटमेंट करवाया। ठीक होने के बाद वो दोबारा लैब में मुस्तैद हो गए।'

डॉ. पराड़कर बताते हैं, 'सबसे यूनिक बात ये रही कि कभी किसी ने किसी भी काम के लिए मना नहीं किया, न ही शिफ्ट पूरी होने की बात कही। टीम मेम्बर्स ने अपना सौ प्रतिशत दिया। इसी का नतीजा रहा कि, हम वैक्सीन डेवलप करने के इतने करीब आ गए हैं। कुछ ही महीनों में पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन तैयार हो जाएगी।'

यह फोटो बायोलॉजिकल ई कंपनी के साइंटिस्ट का है, जो लैब में वैक्सीन रिसर्च में लगे हुए हैं।

ट्रायल में अब तक 150 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दे चुके हैं, फरवरी में शुरू होंगे फेज थ्री के ट्रायल

वो कहते हैं कि अभी हमारे फेज वन और फेज टू के ट्रायल एक साथ चल रहे हैं। इन दोनों फेज में हमें कुल 360 लोगों को वैक्सीन देनी है, जिनमें से 150 लोगों को दी जा चुकी है। देश में सात जगह हमारे ट्रायल चल रहे हैं। हम चार टाइप के वेरिएंट टेस्ट कर रहे हैं। जिस भी टाइप में सेफ्टी और इम्युनिटी सबसे अच्छी आएगी, उसी पर वैक्सीन डेवलप की जाएगी।

उन्होंने बताया, 'फरवरी तक हम चार में से कोई एक बेस्ट कॉम्बिनेशन चुन लेंगे। इसके बाद फेज थ्री के क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेंगे। फेज थ्री में 12 से लेकर 80 साल तक के वॉलंटियर्स को शामिल करेंगे ताकि सभी के लिए वैक्सीन तैयार हो सके। इसमें ऐसे मरीजों को भी शामिल किया जाएगा, जो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। फरवरी-मार्च में हमने वैक्सीन की शुरूआती खोजबीन की थी और अप्रैल से वैक्सीन डेवलपमेंट शुरू किया। इस साल अप्रैल तक हमारे फेज थ्री के क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाएंगे। आमतौर पर किसी वैक्सीन को इस स्टेज तक आने में चार साल लग जाते हैं। लेकिन, कोरोना वैक्सीन एक साल में ही इस स्टेज पर पहुंच गई, क्योंकि कंपनी के सारे रिसोर्सेज इसी पर लगे हुए हैं। अभी दूसरे सारे काम पीछे कर दिए गए हैं। सरकार का रिव्यू भी जल्दी-जल्दी हो रहा है। इससे पेपर वर्क में टाइम वेस्ट नहीं हो रहा।'

50 सालों से वैक्सीन बना रहे, 120 देशों में पहुंचती है हमारी वैक्सीन

डॉ. पराड़कर ने कहा, 'मैं वैक्सीन डेवलपमेंट की शुरूआत के बारे में भी बताना चाहता हूं। जनवरी में चीन ने अनाउंस किया था कि एक नया वायरस आया है, जिसका नाम कोरोनावायरस है। फिर WHO ने कहा कि यह ह्यूमन-टू ह्यूमन ट्रांसमिट हो रहा है और पूरी दुनिया में इसके फैलने की आशंका है। WHO के अनाउंस करते ही सबको यह पता चला गया था कि ये इंफेक्शन महामारी में बदलने वाला है। हर कोई परेशान था, क्योंकि किसी के पास इससे बचने की इम्युनिटी नहीं थी। तब हमने सोचा कि इस महामारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है, और वो है वैक्सीन।'

'हमारी कंपनी पिछले करीब 50 साल से वैक्सीन बना रही है। हम 120 देशों में वैक्सीन बेचते हैं। सरकारी प्रोग्राम के लिए हम पचास साल से वैक्सीन सप्लाई कर रहे हैं। इसलिए हमने डिसीजन लिया कि हम इसकी वैक्सीन बनाएंगे। हमने सबसे पहले रिसर्च करके जाना कि हम किस टाइप की वैक्सीन बना सकते हैं। हमने हैपेटाइटिस की वैक्सीन बनाई है। पिछले पंद्रह सालों से इस वैक्सीन को बना रहे हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है इसलिए हमने सोचा कि हम इसी टेक्नोलॉजी के बेस पर कोरोनावायरस की वैक्सीन भी डेवलप करेंगे। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन भी उसी टेक्नोलॉजी पर वैक्सीन रिसर्च करने का प्लान बना रहे थे, जो हमने सोचा था।'

वो बताते हैं कि MIT और बायलर कॉलेज ने कॉन्सेप्ट तैयार करके हमसे कॉन्टैक्ट किया कि आपके पास कैपेसिटी है तो क्या हम साथ मिलकर ये वैक्सीन बना सकते हैं। सबकुछ इवेल्युएट करने के बाद साथ मिलकर वैक्सीन बनाने पर सहमति बनी। जुलाई में वैक्सीन कैंडीडेट फिक्स किया। एनिमल्स पर टेस्टिंग की और वैक्सीन का डिजाइन तैयार किया। फिर क्लीनिकल ट्रायल्स शुरू हुए, जो अभी चल रहे हैं।

ये भी पढ़ें



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Coronavirus Vaccine Scientist Interview; Bharat Biotech COVAXIN, Biological E DR. Vikram Paradkar Speaks To Dainik Bhaskar


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pC96Dm

https://ift.tt/G3WklqT opposition leaders give Republic Day parade a miss

Top opposition figures, including Congress's Sonia Gandhi and Rahul Gandhi, Delhi CM Arvind Kejriwal, NCP patriarch Sharad Pawar and Le...